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Sunday, 26 November 2017

विलुप्तप्राय गौरैया के प्रति जागरूक करती संजय कुमार की छायाचित्र प्रदर्शनी 24.11.2017 को सोनपुर में सम्पन्न (Photo Exhibition by Sanjay Kumar)

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सोनपुर। 24.11.2017. प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो पटना के सहायक निदेशक
और लेखक संजय कुमार द्वारा खींची  विलुप्त होती  ‘गौरैया’ की  तस्वीरों की एक दिवसीय  प्रदर्शनी लोगों के बीच आर्कषण का केन्द्र बनी रही। ‘‘मैं जिंदा हूँ.....गौरैया’’,   फोटो प्रदर्शनी गौरैया’  संरक्षण का संदेश देता दिखा। गौरैया की विभिन्न  अदाओं को इसमें समेटा गया। इसके संरक्षण को लेकर  लोगों से फोटों के माध्यम से अपील की गयी है।
[Editor's Note: Presence of every creature not merely add to the vivaciousness of our life, in fact this also assures us about maintenance of a sustainable ecosystem for perpetual existence of life on the earth. So, the photographer Sanjay Kumar rightly says that he is alive to think for the protection of this little beautiful innocent creature. We applaud his effort as well as the State Govt that declared sparrow it's provincial bird.]

‘‘ मैं जिंदा हूँ.....गौरैया’’,  फोटो प्रदर्शनी  का उद्धाटन  सोनपुर के मंडल रेल प्रबंधक  अतुल्य सिन्हा, मंडल रेल प्रबंधक पी के सिन्हा वरिष्ठ मंडल इंजीनियर जावेद अख्तर और वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक दिलीप कुमार ने किया। मौके पर  मंडल रेल प्रबंधक अतुल्य सिन्हा ने कहा कि छोटे आकार वाली खूबसूरत  गौरैया  पक्षी का ज्रिक आते  ही  बचपन की याद आ जाती है। कभी इसका बसेरा इंसानों के घर-आंगन में  हुआ  करता था । रेलवे स्टेशनों पर भी बड़ी संख्या में गोराया दिखते थे । अभी भी बड़े जंक्शन स्टेशनों पर गौरैया दिखाई देते हैं । लेकिन  बदलते  पर्यावरण के कारण इनके संख्या में कमी आई है जो चिंता का विषय है । संजय कुमार की यह प्रदर्शनी  गौरैया के प्रति जागरूकता लाने में विशेष भूमिका निभाएगी ।

अपर मंडल रेल प्रबंधक पी के सिन्हा ने कहा कि सबको मिलकर नन्ही सी चिड़िया गौरैया के  संरक्षण के  लिए  आगे आना होगा।  लेखक पत्रकार और ‘गौरैया’  संरक्षण में वर्षो से सक्रिय  संजय कुमार ने कहा कि  इस फोटो प्रदर्शनी का  मकसद लोगों को गौरैया  के प्रति संवेदनशील  बनाना  है ताकि इस का संरक्षण  हो सकें।उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में लगी सभी तस्वीरें मेरे घर  की है  श्री कुमार ने कहा कि घर-आंगन में  चहकने-फूदकने  वाली छोटी सी  प्यारी चिड़िया गौरैया की आबादी में 60 से 80 फीसदी तक की कमी आई है। गौरैया के अस्तित्व पर  छाए  संकट के बादलों  ने इसकी संख्या काफी  कम कर दी है। और कहीं  कहीं तो अब यह बिल्कुल दिखाई ही नहीं देती। उन्होंने कहा कि बिहार  सरकार ने गौरैया को संरक्षण  देने को लेकर  पहल  शुरू करते हुए  जनवरी  2013 में गौरैया को  राजकीय पक्षी को घोषित  कर रखा है। लोगों के घर-आंगन बालकोनी में इसकी  चहचहाट दूबारा गूंजने लगे  इसे लेकर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।सरकारी और गैरसरकारी  संस्थान की ओर से  लोगों  को गौरैया बाक्सऔर कृत्रित घोषला दिया जाता है। श्री कुमार ने बताया कि लोग भी जागरूक हुए  है  लोगों  के घरों में गौरैया बाक्स  और कृत्रिम घोंसला नजर  आने लगा है।

इस अवसर पर वरिष्ठ  वाणिज्य अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि विलुप्त  हो रही प्रजातियों की सूची मेंआयी गौरैया को संरक्षित करने की दिशा में यह फोटो  प्रदर्शनी एक महत्वपूर्ण  कदम साबित होगी। उन्होंने कहा कि आवासीय गिरावट,पेड़ों की कमी और सब्जी-फल-अनाज में कीटनाशकों के इस्तेमाल गौरैया की आबादी में ह्रास का एक बड़ा कारण  बनता जा रहा है।

प्रदर्शनी के दौरान आयोजित वार्ता सत्र में सोनपुर के वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी अजीत कुमार, सीआरडी के शाकिब जिया मनीष और नेहा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
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