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अंगिका (कवित्त) कविताएँ
Angika poems with poetic English tranalation
(बिहार से मजदूरों के पलायन को रोकने हेतु
(1)
छोड़ी के' बिहार पिया चललय पंजाब किये
कोल्हू के' बरद जेकाँ जोती-जोती मारथौं ।
Leaving Bihar don't go to Punjab my love
They would use you as a drudger and kill
घड़ी-घड़ी गुड़ केरो' चाय खेत भेजी-भेजी
भैया-भैया कहि मजदूरो' छय पुकारथौं ।।
Time and again they would send just Jaggery tea
Calling you 'bhaiya', labourers mock you in mill
जानवर बूझी काम दारू से' निकिलै वहाँ
घर ऐभय जखनी बिमारिये पछाड़थौं ।
Like an animal you have to toil just for wine
And when you return home you are seriously ill
कारू काका ऐलो' छै पंजाब से बीमारी लेने
दवा-दारू बसलो' ई घरो' के' उजारथौं ।।
Karu uncle has come from Punjab along with sickness
Once medicine enters your home, it destroys you by bill.
......................
(2)
खेती-बारी देखो' यहाँ छौड़ो' नै बिहार पिया
चलो' कोनो' खेत के' बटाई पे उठाबै ले' ।
Take care of farming and don't leave Bihar dear
Let us try to take some plot of land on lease
जोती-कोरी खेत के' लगाबो' धान,मकई,गेहूँ
जैबो' तोरे संगे-साथ हमहूँ कमाबै ले' ।।
Let us till the farm to sow rice, maze, wheat
I shall also accompany you in earning rupees
ग्रामीण विकास परियोजना से ऋण लै के'
चलो' गाय-गोरु फेनू खुट्टा पर बुलाबै ले' ।
Taking loan from the scheme of Rural Development Scheme
See, cows and calves coming to pegs with ease
कथी ले' पंजाब जैभय धीया-पूता संगे-साथें
चलो'-चलो' घरबा मे' लक्ष्मी बुलाबै ले'।।
Why shall we go to Punjab along with our children
Let us go home to pray to Laxmi and appease.
..........
Original poem in Angika by - Kailash Jha Kinkar
Poetic translation into English by - Hemant Das 'Him'
कवि-परिचय-- कैलाश झा किंकर वर्तमान में अंगिका के सबसे बड़े हस्ताक्षरों में से एक हैं. ये अंगिका भाषा में निकलनेवाली पत्रिका के सम्पादक हैं और इनका निवास खगड़िया में है. इन्हें अब तक अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.
कवि-परिचय-- कैलाश झा किंकर वर्तमान में अंगिका के सबसे बड़े हस्ताक्षरों में से एक हैं. ये अंगिका भाषा में निकलनेवाली पत्रिका के सम्पादक हैं और इनका निवास खगड़िया में है. इन्हें अब तक अनेक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं.
अंगिका पत्रिका जिसके सम्पादक हैं कैलाश झा किंकर |
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