चारदिवसीय थियेटरवा-ला नाट्योत्सव के दूसरे दिन कालिदास रंगालय, पटना में अनिल कुमार मुखर्जी द्वारा लिखित और उज्ज्वला गांगुली द्वारा निर्देशित नाटक 'आसाम मेल' समय से बहुत आगे की कहानी कह रहा है. एक नारी जिसे पति को दिये गए प्रण के कारण मातृत्व सुख प्राप्त नहीं हो पाता वह अपने मातृत्व के अधिकार के लिए एक पहले से शादी-शुदा पराये मर्द की बाँहों में शराब पीकर समा जाने की क्रिया पर गर्व अनुभव करती है और यह नाटक उसी का महिमामंडन कर रहा है. एक आश्चर्यजनक रूप से साहसिकता का प्रदर्शन करती है यह कथावस्तु जिसकी प्रस्तुति में निर्देशकीय कौशल विशेष रूप से दिखा जो कि नये कलाकारों से भी अपने कथ्य को मंच पर दिखाने में सफल रहे. विशेष टिपण्णी बाद में की जाएगी.
No comments:
Post a Comment
अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.
Note: only a member of this blog may post a comment.