1
जो न करियो गलत
गठजोड़
सजन जी होली में
गोरी निरखियो न
काली निरखियो
न बाहर न बजरवाली
निरखियो
मैं हूँ चन्दा और
तुम चकोर
सजन जी होली में
गंगा नहहियो न
यमुना नहहियो
कृष्णा नहहियो न
कावेरी नहहियो
प्रेम रस से
करूँगी सराबोर
सजन जी होली में
(-भागवत ‘अनिमेष)
2.
एक नशा सा जेहन
पर छाने लगा
आपका चेहरा मुझे
याद आने लगा
(-रमेश कँवल)
किश्तों में निकलता रहा किरणों
का बबण्डर
यादों का सफर बर्फ़ की बाहों
में कहीं था
दावत थी कँवल हर एक शोख अदा
वो
पैकर में वही इश्कएक रक्शे-अशी
था
(-रमेश कँवल)
3
आँखों से बयाँ हो सब और दिल
में कोई राज न हो
सुन्दर हो मगर उसमें शोखी-ए-शबाब
न हो
ऐसा नहीं है कि वो हर दम मेरा ख्याल रखे
गर कभी रखे तो उसका कोई हिसाब न हो
(-हेमन्त ‘हिम’)
मैरेज गार्डेन, खाजपूरा, पटना में होली के अवसर पर एक कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ समाजसेवी और नेता गंगा प्रसाद आर्य के साथ अनेक गणमान्य लोगों ने भाग लिया.जिनमें रमेश कँवल, योगेन्द्र नाथ मिश्र, भागवत अनिमेष, अरुण कु.वर्मा, हेमन्त 'हिम' आदि भी थे. विधायक दीपक चौरसिया तथा वार्ड कमिश्नर संजीव चौरसिया भी इसमें उपस्थित हुए और कार्यक्रम का आनंद लिया.
(नोट- इस रिपोर्ट में किसी बात को जोड़ने या सुधार करने के लिए उस
कार्यक्रम में उपस्थित कोई महानुभाव इस ई-मेल पर लिख सकते हैं: hemantdas_2001@yahoo.com)
No comments:
Post a Comment
अपने कमेंट को यहाँ नहीं देकर इस पेज के ऊपर में दिये गए Comment Box के लिंक को खोलकर दीजिए. उसे यहाँ जोड़ दिया जाएगा. ब्लॉग के वेब/ डेस्कटॉप वर्शन में सबसे नीचे दिये गए Contact Form के द्वारा भी दे सकते हैं.
Note: only a member of this blog may post a comment.