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Tuesday, 29 September 2015

TRIVENI aur ASHANKA SE UBARTE HUE ka lokarpan -Report by Asha Lata ( त्रिवेणी और आशंका से उबरते हुए का लोकार्पण -रिपोर्ट - आशा लता )

E-mail ID of reporter: ashalata194@yahoo.in
Photo:Coutesy - Hindustan (Daily)

‘त्रिवेणी’ एवं ‘आशंका से उबरते हुए’ दो काव्य संकलन का लोकर्पण समारोह बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन भवन, पटना के सभागार में दिनांक 28.9.2015 को आयोजित किया गया. भागवत शरण झा ‘अनिमेष’, हेमन्त दास ‘हिम’ तथा अभिषेक चन्दन द्वारा संयुक्त रूप में रचयित काव्य संकलन ‘त्रिवेणी’ और श्री ‘अनिमेष’ द्वारा लिखित ‘आशंका से उबरते हुए’ का लोकार्पण संयुक्त रूप से वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व राज्यपाल श्री सिद्धेश्वर प्रसाद, आचार्य रंजन सूरिदेव एवं डॉ. अनिल सुलभ के कर-कमलों से किया गया. लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन श्री योगेन्द्र प्रसाद मिश्रा ने किया तथा अध्यक्षता डॉ. अनिल सुलभ ने की. इस अवसर पर राज्य के कई ख्यातिलब्ध एवं सुधी साहित्यकार उपस्थित थे जिनमें मुख्य रूप से डॉ. नागेन्द्र मोहिनी, डॉ. शंकर प्रसाद, श्री नृपेंद्र नाथ गुप्त, डॉ. भगवान सिंह भास्कर, डॉ. बी.एन. विश्वकर्मा, डॉ. मेहता नागेन्द्र सिंह, चन्द्र प्रकाश माया, आर.पी.घायल, पुष्पा जमुआर, लता सिन्हा समेत दर्जनों साहित्यकार एवं साहित्यप्रेमी उपस्थित हुए. ‘त्रिवेणी’ पुस्तक का संक्षिप्त परिचय साहित्यकार राजकुमार प्रेमी ने दिया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापण का कार्य युवा साहित्यकार आचार्य आनन्द किशोर शास्त्री ने किया.

पुस्तक लोकार्पण के अवसर पर लोकार्पणकर्त्ता श्री सिद्धेश्वर प्रसाद ने कहा कि ‘त्रिवेणी’ काव्य-संकलन के तीनो कवि अभी युवा हृदय एवं ऊर्जा से परिपूर्ण हैं. इनके इस संकलन में कुल 74 कविताएँ हैं जिनमें कई कविताएँ दिल को छू जाती है. इनसे हमलोगों को और अधिक आशा है. इनका उत्तरोत्तर विकास हो यही मेरी कामना एवँ आकांक्षा है. इस अवसर पर साहित्यकार रंजन सूर्यदेव ने कहा कि वर्तनी एवं चंद्रविंदु के उपयोग पर कविताओं मे काफी सावधानीपूर्वक ध्यान दिया गया है. ‘त्रिवेणी’ के कविगण सार्थक कविता लिखने में आगे भी सफल रहेंगे यही मेरी आशा और विश्वास है. अध्यक्षता करते हुए डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि ‘त्रिवेणी’ काव्य-संकलन के तीनो कवि-गण ऊर्जावान तथा समर्पण भाव से हिन्दी काव्य-गंगा को समृद्ध कर रहे हैं. इनके उत्तरोत्तर विकास की कामना करता हूँ. कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापण से पूर्व ‘आशंका से उबरते हुए’ तथा ‘त्रिवेणी’ काव्य-संकलन के तीनो कवियों ने अपने-अपने लेखकीय वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी वरिष्ठ साहित्यकारों का मैं शुक्रगुजार हूँ और सभी को मैं नमन करता हूँ.


















Tuesday, 15 September 2015

त्रिवेणी काव्य संग्रह का प्रदर्शन ( Triveni kavya sangrah ka pradarshan )



त्रिवेणी काव्य संग्रह को हिंदी दिवस के अवसर पर केंद्रीय राजस्व भवन, पटना के सम्मेलन कक्ष में 14.9.2014 को वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बी.एन.विश्वकर्मा  द्वारा प्रदर्शित किया गया और उसकी कवियाओं का पाठ उसके दो कवियों भागवत शरण झा 'अनिमेष' तथा हेमंत दास 'हिम' के द्वारा किया गया. डॉ. बी.एन.विश्वकर्मा ने कहा कि काव्य संग्रह के तीनों कवियों की रचनाएं तीन अलग-अलग धाराओं की है और इनके संगम से बनी त्रिवेणी एक अनूठी कृति बन गई है.











Thursday, 10 September 2015

Kala Mangal Series - Art Exhibition at Bihar Lalit Kala Akademi, Patno on 8-13 Sept 2015

Artists- Asha Pandey (9934006695), Chandrama Devi(9709506948), Mridula(9308871565), Prawen Kumar (9358707212), Rajesh Sarkar(9835897942), Ranjan Kr. Amritnidhi (9386737246)
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by Chandra Devi

by Chandra Devi


by Asha Pandey

by Asha Pandey







Saturday, 5 September 2015

Paying homage to Anjani Kumar Vishal ( ख्यातिप्राप्त पत्रकार, सम्पादक एवं गीतकार अंजनी कुमार ‘विशाल’ की प्रथम श्रद्धांजली सभा )


राज्य के ख्यातिप्राप्त पत्रकार, सम्पादक एवं गीतकार अंजनी कुमार विशाल की प्रथम श्रद्धांजली सभा में गजल एवं गीतों से भावपूर्ण सम्मान अर्पित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन 4 सितम्बर को पटना के कालिदास रंगालय सभागार में आयोजित की गई थी. इस अवसर पर श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ. बी.एन. विश्वकर्मा. 














 ख्यातिप्राप्त पत्रकार, सम्पादक एवं गीतकार अंजनी कुमार विशाल की प्रथम श्रद्धांजली सभा