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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Wednesday 31 January 2018

राजेंद्र साहित्य परिषद ने मनाया साहित्य सारथी बलभद्र कल्याण जयंती समारोह 29.1.2018 को पटना में

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बलभद्र कल्याण- साहित्य का सम्पूर्ण संसार और व्यक्ति नहीं संस्था


पटना की गलियों में साहित्य की अलख जगाने कुछ दशक पहले से ही साइकिल का एक काफिला चला करता था जिसके प्रणेता होते थे बलभद्र कल्याण और उनकी द्विचक्रिका वाहन का नाम था- कल्याण रथ. अनेक वरिष्ठ साहित्यकार जिनमें योगेंद्र प्रसाद सिन्हा, रमाकान्त पाण्डेय, भागवत अनिमेष, राजकुमार प्रेमी आदि शामिल हैं, ने बलभद्र कल्याण उर्फ साहित्य सारथी के द्वारा प्रेरित किये जाने पर ही साहित्य की ओर अग्रसर हुए.

राजेंद्र साहित्य परिषद के तत्वावधान में 29.1.2018 को पटना के आइआइबीएम सभागार में साहित्य सारथी बलभद्र कल्याण का 91वाँ जयंती समारोह मनाया गया. इस अवसर पर पटना की साहित्य गतिविधियों में बलभद्र कल्याण का योगदान विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ. संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. शिववंश पाण्डेय ने की और कार्यक्रम का उद्गघाटन डॉ. रास बिहारी सिंह, कुलपति पटना विश्वविद्यालय ने किया. वक्ताओं ने कल्याण के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि वे पटना की साहित्यिक गतिविधियों के प्रतिमान थे. वे साहित्य के  लिए समर्पित पुरुष थे. डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि बलभद्र कल्याणएक व्यक्ति नहीं साहित्य का पूरा संसार जीनेवाले स्वयं में एक संस्था का नाम है. 

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर लक्ष्मीनारायण सिंह ने कहा कि मनसा वाचा कर्मणा के पथ पर चलने वाले कल्याण जी सदा हम सबों के प्रेरणापुंज बने रहेंगे.  प्रोफेसर उत्तम कुमार सिंह ने कहा कि कल्याण जी हमारे पिता तुल्य थे और हमारी हर संस्था में उनकी भागीदारी रहती थी. उनके साहित्य प्रेम से सम्पूर्ण साहित्य संसार में विशेषकर पटना में सभी के हृदय में वास करते थे. अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. शिववंश पाण्डेय ने कहा कि आज पटना की अनेक साहित्यिक सअंस्थाएँ इनके अभिभावकत्व के अभाव में अपने को असहाय महसूस कर रहीं हैं. इस कार्यक्रम में राजकुमार प्रेमी, डॉ. निगम पकाश, उदय शंकर शर्मा, विष्णु प्रभाकर, डॉ. लक्ष्मी नारायण, हरिश्चन्द्र सिन्हा, जे.पी.मिश्रा आदि लोग उपस्थित थे. मंच संचालन विष्णु प्रभाकर एवं धन्यवाद ज्ञापण सुजाता वर्मा ने किया. 

इस तरह से यह कार्यक्रम साहित्य सारथी स्व. कल्याण की स्मृति को उनकी रचनाओं और कृत्यों पर सार्थक चर्चा के साथ सम्पन्न हुआ. 
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प्रतिक्रिया हेतु ईमेल- hemantdas_2001@yahoo.com


























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