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# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Wednesday 22 November 2017

खगड़िया में 20.11.2017 को पुस्तक लोकार्पण एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न




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हिन्दी भाषा साहित्य परिषद् खगड़़िया, बिहार के तत्वावधान में राजमाता माधुरी देवी टीचर्स ट्रेनिंग कालेज, चन्द्रनगर,खगड़़िया में चन्द्रावती राजा स्मृति पर्व पर 'अक्षर सारस्वत: रामदेव पंडित राजा' का लोकार्पण-सह- कवि-सम्मेलन का आयोजन हुआ ,जिसकी अध्यक्षता बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर ने की । सबसे पहले चन्द्रावती स्मृति भवन का उद्घाटन हुआ ।उद्घाटन कर्ता रामसेवक प्रजापति 'रसिक' (मध्यप्रदेश)मुख्य अतिथि डा0 संजय पंकज (मुजफ्फरपुर) विशिष्ट अतिथि हरिनारायण सिंह हरि(समस्तीपुर), सत्यानन्द(बांका), राहुल शिवाय(बेगूसराय) समेत उपस्थित अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का उद्घाटन किया।



20.11.2017 को आयोजित इस सारस्वत अनुष्ठान में अतिथियों का स्वागत करते हुए उत्क्रमित उच्च विद्यालय चन्द्रनगर की छात्राएँ श्वेता कुमारी और अंजली कुमारी ने स्वागतगान प्रस्तुत किया। ई0धर्मेंन्द्र कुमार ने स्वागत सचिव की भूमिका में अतिथियों का स्वागत किया।अतिथियों और उपस्थित बुद्धि जीवियों ने चन्द्रावती की छठी पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि दी। तत्पश्चात 'अक्षर सारस्वत: रामदेव पंडित राजा' एवम् अवधेश कुमार आशुतोष की काव्य कृति 'कस्तूरी कुंडली बस' का लोकार्पण हुआ । पुस्तक पर विचार रखने वालों में कारेलाल यादव, रामशरण सहनी, कविता परवाना, कैलाश झा किंकर, रामसेवक प्रजापति रसिक, बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर, डा0 संजय पंकज, हरिनारायण सिंह हरि ,राहुल शिवाय , डा0 इन्द्रदेव पटेल आदि का नाम उल्लेखनीय है।

मंच संचालन करते हुए कैलाश झा किंकर ने सरस्वती वन्दना से कवि सम्मेलन की शुरुआत की। कविता पाठ करनेवालों में अवधेश्वर प्रसाद सिंह (समस्तीपुर), चम्पा राय, कविता परवाना, विभा माधवी, अवधेश कुमार आशुतोष, शोभा कुमारी, सोनी कुमारी, अश्विनी कुमार आलोक, सत्यानन्द, रामदेव पंडित राजा, कपिलेश्वर कपिल, प्रोफेसर चन्द्रिका प्रसाद सिंह विभाकर, सुखनन्दन पासवान, राहुल शिवाय, रामसेवक प्रजापति रसिक, बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर, डा0 संजय पंकज और हरिनारायण सिंह हरि ने अपनी-अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।

चन्द्रावती राजा स्मृति सम्मान से साहित्यकारों को सम्मानित कर परिषद् गौरवान्वित हुई। धन्यवाद ज्ञापन अवधेश कुमार आशुतोष ने किया।अध्यक्षीय उद्बोधन से कार्यक्रम का समापन हुआ।
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आलेख- कैलाश झा किंकर
 ईमेल- kailashjhakinkar@gmail.com
छायाचित्र सौजन्य-  कैलाझ झा किंकर 
इस वेबसाइट के सम्पादक का ईमेल- hemantdas_2001@yahoo.com




 

  



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