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बिहार, भारत की कला, संस्कृति और साहित्य.......Art, Culture and Literature of Bihar, India ..... E-mail: editorbejodindia@gmail.com / अपनी सामग्री को ब्लॉग से डाउनलोड कर सुरक्षित कर लें.

# DAILY QUOTE # -"हर भले आदमी की एक रेल होती है/ जो माँ के घर तक जाती है/ सीटी बजाती हुई / धुआँ उड़ाती हुई"/ Every good man has a rail / Which goes to his mother / Blowing wistles / Making smokes [– आलोक धन्वा, विख्यात कवि की एक पूर्ण कविता / A full poem by Alok Dhanwa, Renowned poet]

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Sunday 20 August 2017

सांस्कृतिक परिक्रमा - 20.8.2017 (Cultural Round-up by Bihari Dhamaka) खगड़िया, मधुबनी, भागलपुर, सुल्तानगंज, लेख्य मंजुषा, अंतर्राष्ट्रीय युवा पुरस्कार, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रांजल का इंटरव्यू आदि भी

नोट: सांस्कृतिक परिक्रमा वाले पोस्ट में शामिल होने के लिए अपने चित्र और विवरण इमेल से हमारे आइडी hemantdas_2001@yahoo.com पर भेजें. व्हाट्सएप्प से भी भेज सकते हैं पर वहाँ अनावश्यक फोटो के समूह को डिलीट करते समय उपयोगी फोटो के भी नष्ट होने का खतरा बना रहता है.



(ऊपर में) 19.8.2017 को पटना के कामेश्वर सिंह महाराजा कॉम्प्लेक्स, पटना जं. के पास टेक्नो हेराल्ड (दूसरी मंजिल) में दूसरा शनिवार संस्था द्वारा एक कवि-गोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें शहर के अनेक वरिष्ठ तथा युवा कवियों ने भाग लिया. कार्यक्रम दो सत्रों में चला. पहले सत्र में पिछ्ले दो वर्षों में आरम्भ से लेकर अब तक दूसरा शनिवार की गतिविधियों का मूल्यांकन किया गया और आगे किये जानेवाले सुधारों की रूप-रेखा बनाई गई. निर्णय हुआ कि इसे यूँ ही अनौपचारिक रूप में ही रहने दिया जाय और एक पंजीकृत संस्था नहीं बनाई जाये ताकि साहित्य सेवा और जागरूकता फैलाने का कार्य ज्यादा वास्तविक ढंग से चल पाये. इस सत्र का संचालन युवा कवि प्रत्यूष चंद्र मिश्र ने किया. 
      दूसरे सत्र का संचालन राजकिशोर राजन ने किया जिसमें सभी कवियों ने अपनी दो-दो रचनाओं का पाठ किया गया और उसके पश्चात उपस्थित वरीय साहियकारों द्वारा उन पर तुरंत टिपण्णियाँ भी की गयीं ताकि रचना-प्रक्रिया को एक नई दिशा मिल सके. यह अंतर्संवाद काफी बेबाक और सार्थक रहा. यह निर्णय किया गया कि रचनाकार अब आह-आह और वाह-वाह की दुनिया से बाहर निकल कर संदेशपूर्ण रचनाओं के निर्माण पर ज्यादा ध्यान दें जो लोगों की समझ में आनेवाली भी हो और समय को दर्शाता भी हो.
      प्रत्यूष चंद्र मिश्र और प्रियंका बाघेला को इस वर्ष का दीपक अरोड़ा पांडुलिपि पुरस्कार दिये जाने पर उन्हें बधाई दी गई यद्यपि प्रियंका बाघेला नहीं आ पाईं थी. ध्यातव्य है कि पटना के युवा साहित्यकार जयपुर में दिये जानेवाले इस पुरस्कार को पाने में पहले भी सफल रहे हैं जैसे कि पिछले साल यह अस्मुरारी नंदन मिश्र को दिया गया था.
       इस कवि-गोष्ठी में प्रभात सरसिज, शहंशाह आलम, शिव नारायण, समीर परिमल, हेमन्त 'हिम', डॉ. रामनाथ शोधार्थी, कुमार पंकजेश, सुशील भारद्वाज, अरबिन्द पासवान, अंचित, डॉ.बी.एन.विश्वकर्मा, घनश्याम, बालमुकुंद, कुंदन आनंद, राजेश कमल आदि ने भी भाग लिया. अंत में प्रसिद्ध साहित्यकार चन्द्रकान्त देवताले के निधन पर दो मिनट का मौन रखा गया और फिर नरेन्द्र कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापण किया.


दूसरा शनिवार कवि-गोष्ठी

दूसरा शनिवार कवि-गोष्ठी













पटना के युवा डोक्युमेंट्री फिल्म मेकर प्रांजल सिंह का इंटरव्यू हाल ही में एक टीवी चैनल पर प्रसरित किया गया
 


खगड़िया में कार्यक्रम

कैलाश किंकर की दसवीं पुस्तक का लोकार्पण खगड़िया में


सांस्कृतिक परिषद, खगड़िया
अंगिका के कवि एस के र्पग्रामर, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, भागलपुर  

स्वतान्त्रता दिवस भागलपुर (ऊपर)










एक पात्रिका द्वारा पटना में आयोजित समारोह में अंतराश्ट्रीय युवा सम्मान से अनेक महिलाओं को सम्मानित किया गया जिनमें रत्ना पुरकायस्थ, श्रुति मेहरोत्रा आदि शामिल थे.









हाल ही में मनाई गई जन्माष्टमी के अवसर पर राधा-कृष्ण बने बच्चे


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